प्रश्न


नीरव जग के आनंद-तुहीन,

किस पंथ उड़ेले जाते हो ?

हे देव ! बताओ क्यों तुम भी ,

आज नीर बहाये जाते हो ?

यह पीड़ा भी तुमने ही दी ,

यह दंश तुम्हारा है प्रियवर !

फिर देव ! बताओ क्यों हर क्षण ,

तुम शोक मनाये जाते हो ?

कवि - राजू रंजन


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