एक था राजा । और राजा की एक ही थी बिटिया - राजकुमारी ।
राजकुमारी को शौक चढ़ा - सीखनी है चित्रकारी !
अब राजा की बेटी को कोई ऐरा - गैरा तो चित्रकला सिखा नहीं सकता ।
सो, राजा ने फरमान जारी किया कि राज्य के सबसे बड़े चित्रकार को हाजिर किया जाए ।
वही राजकुमारी को चित्रकला सिखाएगा ।
राज्य भर में हंगामा बरपा । कौन है सबसे बड़ा चित्रकार ?
मंत्री ने राजा के चित्र बनानेवाले चित्रकार को हाजिर किया ।
पर, राजा बुद्धिमान था !
उसने चित्रकार से ही पूछा -
" क्या तुम इस राज्य के सबसे बड़े चित्रकार हो ?"
चित्रकार ने कहा - " हाँ ! मैं राजघराने का चित्र बनाता हूँ । मैं ही सबसे बड़ा चित्रकार हूँ । "
न जाने क्यों राजा को उसकी बात पसंद नहीं आई । राजा ने उसे वापस भेज दिया । एक - एक करके राज्य के सभी चित्रकार राजा के पास आते गए । राजा सबसे एक ही सवाल पूछता और सभी खुद को सबसे बड़ा चित्रकार बताते । राजा उन्हें वापस भेज देता ।
महीनो गुजर गए, राजा की तलाश पूरी नहीं हुई ।
अब चित्रकारों का आना बंद हो गया । तब राजा ने मंत्री को बुलाया और कहा कि कोई ऐसा चित्रकार है जो दरबार में नहीं आया ।
मंत्री ने पता लगवाया फिर राजा को बताया -
" महाराज ! एक चित्रकार है जो जंगल में दरिया किनारे रहता है । वो अबतक यहाँ नहीं आया । वो बुलावा भेजने पर भी नहीं आया । कहता है मैं कोई बड़ा चित्रकार नहीं ! "
राजा अपने लाव-लश्कर के साथ जा पहुंचा दरिया किनारे ।
दरिया किनारे एक आदमी अपनी झोपडी के बाहर चित्र बनाता दिखा ।
उसके बनाये चित्र में गजब का आकर्षण था । उसने प्रकृति को अपने चित्र में जीवंत कर रखा था ।
वहाँ पहुँचते ही राजा ने उस चित्रकार से पूछा -
" क्या तुम ही हो इस राज्य के सबसे बड़े चित्रकार ?"
" नहीं महाराज ! मैं तो एक अदना सा चित्रकार हूँ ।"
" तो फिर कौन है सबसे बड़ा चित्रकार ?"
" महाराज ! मैं तो यह नहीं जानता । लेकिन अगर ये पहाड़, जंगल, दरिया बोल सकते तो जरूर पता चल जाता । मैं तो उस सबसे बड़े चित्रकार जिसने इस जंगल, पहाड़, दरिया को बनाया है के बनाये चित्रों की नक़ल बनाता हूँ । "
राजा को उत्तर मिल गया !
अगले दिन से दरिया किनारे राजकुमारी उस चित्रकार से चित्र बनाना सीखने लगी ।
वाह!!!!
जवाब देंहटाएंवाह!!!!
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